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विश्व पशु दिवस क्यों मनाया जाता है

World Animal Day – 4 अक्टूबर का दिन पूरी दुनिया में वर्ल्ड एनिमल डे के रूप में मनाया जाता है। पशुओं और मनुष्यों की दोस्ती प्रचीन काल से ही चली आ रही है जितना हक़ मनुष्य को जीने का है उतना ही हक़ इन बेजुबान पशुओं को जीने का है लेकिन मानव जाति को यह बात समझ नहीं आती क्योंकि जो पशु मनुष्य को कुछ देता है उसे ही मनुष्य अच्छे तरीके से व्यवहार करता है और इन्ही बेजुबान पशु पर ही मनुष्य का अत्यचार हो रहे है।

वर्ल्ड एनिमल डे इन हिंदी

World Animal Day – विश्व पशु दिवस

जो पशु हमें कभी नुकसान नहीं पहुचाते थे मनुष्य के अत्याचार के कारण ही उनका भी व्यवहार मनुष्यों ले लिए बदलता जा रहा है यदि हम अपने आस पास की बात करे तो हमें ऐंसे बहुत से पशु मिल जाते है जिनका लालन पोषण कभी मनुष्य ने किया था लेकिन अब वे पशु यदि किसी काम के नहीं तो उन्हें घर से बहार छोड़ दिया जा रहा है।

मनुष्य ने अपनी प्रगति के लिए बहुत से पशुओं को लुप्त होने की स्थिति तक पहुंचा दिया है जबकि बहुत सी पशु प्रजाति का तो नामोनिशान भी मिट गया है। जंगल को पशुओं का घर कहा जाता है लेकिन मनुष्य का यहाँ भी हस्तछेप है जिससे जो पशु शांत स्वभाव से रहते थे वही मनुष्य के लिए खतरा बन गए और इसके पीछे गलती मनुष्य की है।

मनुष्य हमेशा कहता है की पशुओं ने हमारी फसल नष्ट कर दी लेकिन उन्हें यह नहीं पता जिस जगह यह खेती की जा रही है वह इन पशुओं के घर को तोड़ कर ही की जा रही है और लकड़ी जलेगी तो आग तो पीछे ही आएगी।

वर्ल्ड एनिमल डे क्यों मनाया जाता है

विश्व में बहुत से ऐंसे पशु है जो बिलुप्त होने की करार पर पहुँच गए है यहाँ तक की ना जाने कितने पशु बिलुप्त भी हो चुके है और इन सबका कारण है मानव क्योंकि मानव ने अपने लिए सुख सुविधा पाने का हल तो निकाल लिया लेकिन इस सुख सुविदा के पीछे बेजुबान पशुओं के लिए ऐंसी स्थिति पैदा भी करी जिससे इनका बच पाना मुश्किल सा हो गया।

पशुओं के प्रति लोगो के बिच जागरूकता बढ़ाने के लिए पुरे विश्व में 4 अक्टूबर को वर्ल्ड एनिमल डे मनाया जाता है, कोई भी पशु हमें कुछ दे या न दें लेकिन उन पशु की कदर करना हमारा फर्ज जरूर बनता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने आसपास यदि आवारा पशुओं की सुरक्षा करे तो यह Animal Day का सबसे बड़ा उपहार होगा।

विश्व पशु दिवस का इतिहास (History Of World Animal Day)

माना जाता है की जर्मन लेखक हेनरिक जिमर्मन ने वर्ल्ड एनिमल डे का पहला आयोजन 24 जनवरी 1925 को जर्मनी के बर्लिन में किया था। जिसमे लगभग 5000 लोग शामिल हुए थे। 1929 से यह दिवस 4 अक्टूबर से मनाया जाने लगा, धीरे धीरे इस दिवस की चर्चा आस पास के देशो में होने लगी।

1931 में फ्लोरेंस इटली में पशु सरंक्षण सम्मलेन के दौरान पशु दिवस को अंतराष्टीय पशु दिवस के रूप में 4 अक्टूबर को मनाये जाने का प्रस्ताव पारित हुआ।

इस दिवस को 4 अक्टूबर को मनाये जाने का कारण यह है की इसी दिन पशुओं के सरंक्षक ओसिस के सेट फ्रांसिस का जन्मदिन भी मनाया जाता है। जिसका उदेश्य बिलुप्त के करार पर जाने वाले पशुओं की सुरक्षा और पशुओं और मानव के संबंधों को बनाये रखना था।

विश्व पशु दिवस कैसे मनाये (How To Celebrate World Animal Day)

विश्व पशु दिवस के दिन विभिन देशो में लोगो के द्वारा, पशुओं से सम्बंधित संगठनो और समूहों के द्वारा कार्यक्रम रखे जाते है जिसमे पशुओं के कल्याण से सम्बंधित विषयों पर चर्चा की जाती है, साथ ही इस क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले लोग समूहों, संगठनो और संस्था को इस दिन पर सम्मानित किया जाता है।

वर्ल्ड एनिमल डे मानाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति यदि अपना योगदान दे तो इससे पशुओं के प्रति लोगो का नजरिया जरूर बदलेगा। इसके साथ साथ इन बेजुवान पशु के लिए हम यह काम कर सकते है –

  • भोजन को इधर उधर न फेककर इन बेजुवान पशुओं को दिया जा सकता है।
  • बहुत सी जगह इन बेजुवान पशुओं पर अत्याचार किये जाते है ऐंसे में हम इनकी सुरक्षा कर सकते है।
  • पशुओं के प्रति अपनी सोच बदले।
  • पशुओं की देखभाल केवल तभी नहीं करनी चाहिए जब हमें उनसे फायदा हो बल्कि फायदा हो या नहीं हमें उनकी देखभाल जरूर करनी चाहिए।

वह सब बाते जो हमें ध्यान रखनी चाहिए

दोस्तों ऐंसी बहुत सी बाते है जिनका मानव हमेशा ध्यान रखना भूल जाता है, तो आइये जानते है की हमें क्या ध्यान रखना चाहिए

  • दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा जब भी कोई आपदा आती है तो बहुत कम लोगो का ध्यान जाता है पशुओं को बचाने पर, तो हमें खासकर इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हमें कभी भी किसी आपदा में इन्सान या जानवर में कोई भेद भाव न कर हर एक प्राणी की जान बचानी चाहिए।
  • एक इन्सान चाहकर भी पूरी दुनिया में सभी पशुओं की देखरेख नहीं कर सकता है लेकिन यदि हर एक इन्सान अपने आसपास के पशुओं की देखरेख करे तो इससे पूरी दुनिया में पशुओं की देख रेख अच्छी तरह से हो जाएगी।
  • पशु बोल नहीं सकते लेकिन वह अपने हाव भाव से अपनी बाते हमें बताते है, बस ये बात अलग है की बहुत से लोग वह क्या कहना चाहते है समझ जाते है और बहुत से लोगो को यह समझ नहीं आता क्योंकि इन्होने कभी कोशिश नहीं की उनके हाव भावों को समझने की।
  • ज्यादातर लोग कुत्ता बिल्ली जैसे पालतू पशुओं को पालते है और फिर अपने आप को पशु प्रेमी बताते है, लेकिन वह यह नहीं जानते की पशु प्रेमी वह होता है जो हर पशु को प्यार करे।
  • हमें यह नहीं भूलना चाहिए की हमने पशुओं के घरों को तोड़कर अपना घर बनाया है, क्योंकि अभी जिस भी जगह पर इन्सान बसा है वहां पहले जंगल हुआ करते थे और जंगल को काट कर हम सभी ने इन पशुओं का घर तोडा है इसलिए इनकी देखभाल करना हमारा फर्ज बनता है न की कोई जिम्मेदारी।

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