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New Year का इतिहास- January 1 New Year’s Day

जनुअरी १ न्यू ईयर’स डे -January 1 New Year’s Day साल का पहला दिन यानि की 1 जनवरी का दिन सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन में हमारे नए साल की शुरुआत होती है, क्यों 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है कैसे मनाया जाता है की जानकारी आपको मिल् जाएगी।जनुअरी १ न्यू ईयर'स डे

क्या होता है इस दिन पर

वैसे तो नए साल पर लोग पार्टियाँ करते है जिसमे खाने से लेकर डांस तक सभी प्रोग्राम होते है लेकिन इसके आलावा लोगो के द्वारा अपने परिवार, दोस्तों रिश्तेदार को बधाई दी जाती है, ज्यदातर लोग इस दिन पर अपने घरों से निकल कर कही घुमने भी जाते है।

इसके आलावा नए साल के अवसर पर सभी भगवान् से कोई मनोकामना भी मांगते है, अपने आदतों को बदलने की कसम भी खाते है सचाई या फिर अच्छे कामो को करने की सोचते है।

New Year का इतिहास

नए साल को मनाये जाने की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 से हुई क्योंकि इस समय रूस में ग्रिगोरियन कैलेंडर की शुरुआत हुई थी, और इसकी शुरुआत ईसाईयों के द्वारा हुई, ग्रिगोरियन कैलेंडर से पहले रूस में जुलियन कैलेंडर था जिसमे केवल 10 ही महीने थे।

ग्रिगोरियन कैलेंडर को अमेरिका के नेपल्स के फिजीशियन एलॉयसिस लिलिअस बनाया गया था, जो की पूरी दुनिया में प्रचलित हो गया और इसमें 1 जनवरी से साल की शुरुआत होती थी, और तभी से 1 जनवरी को नए साल के पहले दिन के रूप में मनाया जाने लगा।

भारत में नए साल को मनाये जाने की अलग अलग तिथियाँ है हिन्दू धर्म के अनुसार नया साल मार्च अप्रैल से शुरू होता है और इसी तरह शिख धर्म में भी नए साल की शुरुआत मार्च में होती है।

ग्रिगोरियन कैलेंडर भारत में भी उपयोग होता है जिस कारण 1 जनवरी को यहाँ पर भी नए साल के तौर पर लोगो के द्वारा मनाया जाता है कुछ के मुताबिक नया साल 12 बजे से शुरू हो जाता है जबकि हिन्दू धर्म में दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे होती है इसलिए नया साल 4 बजने के बाद ही मनाया जाता है (जनुअरी १ न्यू ईयर’स डे)

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